20 #SmartCities का एलान: UP-बिहार-बंगाल से एक भी शहर नहीं, MP से तीन
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने गुरुवार को पहली 20 स्मार्ट सिटीज का एलान कर दिया। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के मुताबिक, कॉम्पिटीशन के आधार पर इनका सिलेक्शन हुआ है। इस लिस्ट में यूपी, बिहार और प. बंगाल जैसे राज्यों से एक भी शहर नहीं है। जबकि एमपी से तीन शहर हैं। मोदी सरकार ने इन 20 सीटीज के लिए पिछले साल अगस्त में 97 शहरों को शॉर्ट लिस्ट किया था।
कैसे होगी प्रोजेक्ट फंडिंग और क्यों है स्मार्ट सिटीज पर फोकस...
- फर्स्ट फेज में 20 और अगले हर दो साल में 40-40 शहरों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सिलेक्ट किया जाएगा।
- मंत्री के मुताबिक, सिलेक्ट शहरों को पहले साल 200- 200 करोड रुपए और बाद में तीन साल तक 100-100 करोड़ दिए जाएंगे।
- अरबन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री के कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, देश में अभी शहरी आबादी 31 फीसदी है, लेकिन इसकी भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी 60 पर्सेंट से ज्यादा है।
- एक अनुमान है कि अगले 15 साल में शहरी आबादी की जीडीपी में हिस्सेदारी 75 पर्सेंट होगी।
- इस वजह से 100 स्मार्ट सिटीज बनाने का टारगेट रखा गया है।
- इस प्रोजेक्ट के लिए 48000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रोजेक्ट में केंद्र और स्टेट गवर्नमेंट की हिस्सेदारी रहेगी।
यूपी-बिहार-बंगाल खाली हाथ क्यों? और सरकार का क्या है तर्क...
- यूपी में इस साल इलेक्शन नहीं है। 2017 में इलेक्शन से पहले अगले साल सरकार को 40 और सिटीज का एलान करना है।
- जानकारों का कहना है कि बिहार में पिछले साल बीजेपी चुनाव हार चुकी है।
- पश्चिम बंगाल में इस साल इलेक्शन होना है लेकिन इसके बाद भी वहां से इस लिस्ट में कोई शहर नहीं है। पिछले साल जब 97 शहरों को शॉर्ट लिस्ट किया गया था तो उसमें बंगाल से 4 शहर थे।
- सरकार का कहना है कि सिलेक्शन 97 शहरों में कॉम्पिटीशन के आधार पर हुआ है।
- 1.52 करोड़ लोगों ने स्मॉर्ट सिटीज के सिलेक्शन प्रॉसेस में हिस्सा लिया।
ये 20 सिटीज, जिन्हें फर्स्ट फेज में बनाया जाएगा स्मार्ट....
1. भुवनेश्वर 2. पुणे 3. जयपुर 4. सूरत 5. कोच्चि 6. अहमदाबाद 7. जबलपुर 8. विशाखापट्टनम 9. सोलापुर 10. दावणगेरे 11. काकीनाड़ा 12. नई दिल्ली, 13 इंदौर, 14. कोयम्बटूर,15. बेलगाम, 16. उदयपुर, 17. गुवाहाटी, 18. लुधियाना 19. चेन्नई 20. भोपाल
क्या हैं स्मार्ट सिटी के बेसिक प्रिंसिपल?
सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को तीन बुनियादी प्लान पर तैयार किया है।
1. क्वालिटी ऑफ लाइफ
- स्मार्ट सिटी में रहने वाले हर शख्स को क्वालिटी लाइफ मिले। यानी किफायती घर हो, हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर हो।
- पानी और बिजली चौबीसों घंटे मिले। एजुकेशन के ऑप्शंस हों। सिक्युरिटी हो।
- एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स के सोर्स हों।
- आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी हो। अच्छे स्कूल और हॉस्पिटल भी मौजूद हों।
2. इन्वेस्टमेंट
- स्मार्ट सिटी में वहां मौजूद ह्यूमन रिसोर्स और नेचुरल रिसोर्स के मुताबिक, पूरा इन्वेस्टमेंट भी आए।
- बड़ी कंपनियों को वहां अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए सुविधाएं और सहूलियत मिले। उन पर टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।
3. रोजगार
- स्मार्ट सिटी में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए जिससे वहां या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके मिलें।
- स्मार्ट सिटी के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।
जो सुविधाएं आजादी के बाद से अब तक आपको नहीं मिलीं, वे स्मार्ट सिटी में दिलाने के दावे
स्मार्ट सिटी में ट्रांसपोर्ट, रेजिडेंशियल, बिजली-पानी, हेल्थ और एजुकेशन की सुविधाएं देने के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं।
1. ट्रांसपोर्ट
- स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।
- कम से कम 2 मीटर चौड़े फुटपाथ हों।
- रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा हो।
2. रिहाइश
- 95 फीसदी रिहाइशी इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और रीक्रिएशन पार्क मौजूद हों।
- 20 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों।
- कम से कम 30 फीसदी रिहाइशी और कमर्शियल इलाके बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।
3. बिजली और पानी
- स्मार्ट सिटी में 24*7 पानी और बिजली सप्लाई हो।
- 100 फीसदी घरों में बिजली कनेक्शन हों। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो।
- लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए।
- प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।
4. वाईफाई कनेक्टिविटी
- 100 फीसदी घरों तक वाईफाई कनेक्टिविटी हो।
- 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाईफाई पर मिले।
5. हेल्थ
- स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।
- हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो।
- एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो।
- हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।
5. एजुकेशन
- 15 फीसदी इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।
- हर 2500 लाेगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो।
- सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।
- 10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हाे।
News Sabhaar : bhaskar.com (28.01.2016)
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