मुस्लिम गर्ल्स स्कूल में तिरंगा फहराने, आधुनिक शिक्षा का विरोध
तनाव तब पैदा हो गया जब हमने हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाने का फैसला किया। हम इस स्कूल को केंद्र सरकार की मदरसों के आधुनिकीकरण की योजना के आधार पर चलाएंगे। लेकिन, कुछ बदमाश समस्या खड़ा कर रहे हैंग्रेटर नोएडा के दनकौर में तब तनाव का माहौल बन गया जब कुछ कट्टरपंथियों ने सोमवार को एक मुस्लिम गर्ल्स स्कूल में तिरंगा फहराने और आधुनिक शिक्षा का विरोध किया। बताया जाता है कि यह स्कूल नवंबर 2011 से उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से रेकग्नाइज्ड और रजिस्टर्ड है।
दरअसल मुस्लिम गर्ल्स हाई स्कूल साल 2011 से यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है। सोमवार को कुछ लोग गणतंत्र दिवस के मौके पर स्कूल में झंडा फहराने की तैयारी के लिए रॉड और दूसरे जरूरी सामान के साथ स्कूल पहुंचे थे कि तभी कुछ कट्टरपंथी लोगों ने उन्हें झंडा फहराने से मना कर दिया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया है।
धमकी देने वाले कुछ लोगों को जब पुलिस ने थाने में बुलाया तो उन्होंने पुलिस के सामने ही स्कूल में हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाए जाने का विरोध शुरू कर दिया। जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने विरोध करने वाले सभी लोगों को चेतावनी दी कि अगर आज उन्होंने स्कूल में झंडा फहराने का विरोध किया तो उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना होगा।
सोमवार को स्कूल प्रशासन से जुड़े कुछ लोग स्कूल में तिरंगा फहराने के लिए लोहे का डंडा लगाने वहां पहुंचे, लेकिन बदमाशों ने मजदूर को हड़काकर स्कूल से बाहर कर दिया। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ऐक्शन में आ गया। पुलिस ने दनकौर के कुछ स्थानीय लोगों को थाने बुलाया। ये लोग पुलिस के सामने भी इस बात पर भड़क गए कि स्कूल में दूसरी भाषाओं की शिक्षा दी जाती है। हालांकि, पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए लोगों को अल्टिमेटम दिया कि अगर उन्होंने रिपब्लिक डे पर स्कूल में तिरंगा फहराने से रोका तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
दनकौर पुलिस स्टेशन ऑफिसर चक्रपाणि शर्मा ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। घटना के बारे में उन्होंने कहा, 'कुछ अनपढ़ लोग झंडोत्तोलन समारोह का विरोध कर रहे थे। हमने अपने सीनियर अधिकारियों को घटना की सूचना दे दी है और मंगलवार को किसी भी अनहोनी को टालने के लिए भारी पुलिस बल की मौजूदगी में स्कूल में झंडा फहराया जाएगा। ये कट्टरपंथी लोग हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ाई पर भी सवाल उठा रहे थे। रिपब्लिक डे के बाद हम उन्हें फिर से बुलाकर स्कूल में आधुनिक शिक्षा सुनिश्चित करेंगे।'
हजरत सैयद भुरेशाह कमिटी के सेक्रटरी आदिर खान जयसवाल ने कहा, 'सैयद भुरेशाह मुस्लिम गर्ल स्कूल वक्फ कमिटी की जमीन पर चल रहा है। 2011 से यहां 5वीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई हो रही है। शुरुआत में सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन तनाव तब पैदा हो गया जब हमने हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाने का फैसला किया। हम इस स्कूल को केंद्र सरकार की मदरसों के आधुनिकीकरण की योजना के आधार पर चलाएंगे। लेकिन, कुछ बदमाश समस्या खड़ा कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'अब हालात बद से बदतर हो गए हैं। शिक्षकों के स्कूल आने का विरोध किया गया और ऐसा माहौल बनाया गया कि स्कूल में पढ़ाई नहीं हो। हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा राज्यपाल के साथ-साथ जीबी नगर के डीएम, एसएसपी और स्थानीय दनकौर थाने से शिकायत की है। इसके बावजूद कुछ कट्टरपंथी हमपर आधुनिक शिक्षा की पढ़ाई वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।'
आदिर खान ने कहा, 'ये बदमाश गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का भी विरोध कर रहे हैं। उन्होंने झंडा फहराए जाने पर हमें गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी है। सोमवार को हमारे स्टाफ झंडोत्तोलन समारोह का इंतजाम करने के लिए स्कूल गए, लेकिन बदमाशों ने उनके साथ बदतमीजी की और स्कूल से निकल जाने को कहा।' उन्होंने बताया कि सोमवार को जीबी नगर के डीएम ऑफिस और एसएसपी से फिर से शिकायत की गई ताकि झंडोत्तोलन समारोह सुनिश्चित की जा सके। साथ ही किसी भी अनहोनी को टालने के लिए पुलिस बल मुहैया कराए जाने की भी मांग की गई।
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