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दो फरवरी को होगी UPTET 2016 परीक्षा
प्रा. एवं जूनि. स्तर परीक्षा में प्रश्न इंटर स्तर के होंगे
एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से भी होंगे प्रश्न
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2015 की प्रदेश भर में दो फरवरी को परीक्षा होगी। इस बार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक की परीक्षा में भाषा का अलग से प्रश्नपत्र न होने से युवाओं में तरह-तरह की चर्चाएं हैं कि एक ही प्रश्नपत्र में भाषा के सवाल होंगे या नहीं। यदि होंगे तो कितने सवाल पूछे जाएंगे। इस परीक्षा में शामिल होने की अर्हता भले ही स्नातक है, लेकिन टीईटी में सवाल इंटरमीडिएट स्तर के पूछे जाने हैं। परीक्षा में माइनस मार्किंग (ऋणात्मक अंक) नहीं होगी।
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा की लगभग सारी तैयारियां हो चुकी हैं। सूबे के 1128 केंद्रों पर नौ लाख 42 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इस समय ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जाने का सिलसिला तेज है। परीक्षा इस बार भी 150 अंकों की होगी, जिन्हें 150 मिनट में करना होगा। यानी एक सवाल पर एक मिनट मिलेगा। सभी प्रश्न चार विकल्प वाले यानी बहुविकल्पीय होंगे। टीईटी परीक्षा प्राथमिक एवं जूनियर स्तर के लिए अलग-अलग हो रही है। दोनों परीक्षाओं में पांच खंड होंगे। जूनियर स्तर की परीक्षा में यह बदलाव किया गया है कि गणित व विज्ञान शिक्षक के लिए संबंधित विषय की परीक्षा देनी होगी, बाकी अभ्यर्थियों को सिर्फ सामाजिक अध्ययन के 60 सवालों का जवाब देना होगा। अमूमन अभ्यर्थी शिक्षण विधि, भाषा के सवाल आसानी से कर लेते हैं, लेकिन गणित व पर्यावरण अध्ययन के सवाल जरूर परेशान करते हैं। इन्हीं दोनों विषयों के सवाल ही टीईटी की मेरिट भी तय करेंगे।
खास बात यह है कि प्राथमिक एवं जूनियर स्तर की परीक्षा में सभी सवाल इंटर स्तर के होंगे, लेकिन उसमें भी अंतर उम्र का रखा गया है। निर्देशिका में कहा गया है कि प्राथमिक की परीक्षा में 6 से 11 वर्ष एवं जूनियर की परीक्षा में 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को ध्यान में रखकर समस्या समाधान एवं शिक्षण विधियों के प्रश्न होंगे। पिछली परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थियों को कुछ शिक्षण विधि एवं विज्ञान व गणित के सवालों ने ही उलझाया था। एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से अभ्यर्थियों को तैयारी करनी होगी। यह भी निर्देश है कि सामान्य वर्ग के उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र जारी होगा, जिन्होंने 60 फीसद या अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 फीसद अंक पाना होगा, तभी वह उत्तीर्ण माने जाएंगे।
परीक्षा :
पिछली बार दो दिन हुई थी परीक्षा
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा इस बार एक दिन में (दो फरवरी को) ही पूरी हो जाएगी, जबकि पिछली बार यह परीक्षा दो दिन चली थी। इसकी वजह भाषा का प्रश्नपत्र अलग होना था। पहले दिन प्राथमिक स्तर एवं दूसरे दिन उच्च प्राथमिक स्तर के अभ्यर्थियों ने दोनों पालियों में परीक्षा दी थी। इस बार दोनों स्तरों पर एक-एक प्रश्नपत्र ही होगा।
29334 सहायक अध्यापकों का मामला
बिना अर्हता टीईटी पास के चयन को चुनौती
अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित-विज्ञान के 29334 सहायक अध्यापकों के चयन में अपात्रों को नियुक्ति देेने का आरोप है। इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। रमेश चंद्र द्वारा दाखिल याचिका में आरोप है कि टीईटी 2011 में ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है जो इसमें शामिल होने की अर्हता नहीं रखते हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है।
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक चार अक्तूबर 2011 को जारी शासनादेश के मुताबिक टीईटी 2011 में वही लोग शामिल हो सकते थे जिनके पास बीटीसी दो वर्षीय पाठ्यक्रम की डिग्री हो या जो दो वर्षीय बीटीसी पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष हों या अंतिम वर्ष की फाइनल परीक्षा दे चुके हैं। मगर इसमें ऐसे लोगों को भी परीक्षा देने की अनुमति दी गई जो परीक्षा के समय बीटीसी प्रथम वर्ष में पढ़ रहे थे। टीईटी 2011 में आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर 2011 थी जबकि इन अभ्यर्थियोें का प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम 30 नवंबर 2011 को घोषित किया गया। ऐसे टीईटी पास कई लोगों को गणित-विज्ञान सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति भी दी गई है। कोर्ट ने इन तथ्यों का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से पूछा है कि किस प्रकार से प्रथम वर्ष में पढ़ रहे अभ्यर्थियोें को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दी गई।
हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग से मांगा जवाब
आयुर्वेद शिक्षकों की प्रोन्नति पर ग्रहण
संविदा पर तैनाती की तैयारी से स्थायी शिक्षकों में रोष
अमित यादव
लखनऊ। प्रोन्नति के इंतजार में बैठे राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के स्थायी शिक्षकों में सरकार के संविदा पर नियुक्ति के फैसले से रोष है। स्थायी शिक्षकों का कहना है कि पहले प्रोन्नति होनी चाहिए फिर जो पद बचते हैं उन पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। इससे कॉलेजों में प्रोफेसर और रीडर की कमी का संकट अपने आप दूर हो जाएगा।
प्रदेश में आठ राजकीय आयुर्वेद कॉलेज हैं। इनमें से बांदा, झांसी, पीलीभीत, मुजफ्फरनगर, इलाहाबाद और बरेली के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद (सीसीआईएम) ने शिक्षकों की कमी के चलते प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। सिर्फ लखनऊ और वाराणसी को ही सत्र 2015-16 में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। अब जिन मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है उसे दूर करने के लिए सरकार ने संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का फैसला किया है। यही फैसला स्थायी शिक्षकों के लिए परेशानी बन गया है। सीसीआईएम के अनुसार रीडर से प्रोफेसर के लिए 5 साल का अंतराल और 10 साल का शैक्षिक अनुभव चाहिए। वहीं प्रदेश की सेवा नियमावली के अनुसार रीडर बनने के छह साल बाद ही प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति हो सकती है। शैक्षिक अनुभव 10 साल का ही होना चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि कॉलेजों में इस समय सभी रीडर कम से कम से 20 से 23 साल का अनुभव रखते हैं लेकिन किसी को प्रोन्नति नहीं मिली है।
प्रोन्नति हो जाए तो मानक अपने आप पूरा हो जाएगा
राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों की प्रोन्नति पहले होनी चाहिए। करीब सभी शिक्षक रीडर से प्रोफेसर पद के लिए प्रोन्नति के मानक पूरा कर रहे हैं। एक ही कॉलेज में वो 22-23 साल से हैं। यदि प्रोन्नति हो जाए तो हायर फैकल्टी का मानक अपने आप पूरा हो जाएगा। इसके बाद की नियुक्ति संविदा पर की जा सकती है
- प्रो. पीसी चौधरी, अध्यक्ष राजकीय आयुर्वेद शिक्षक संघ
शिक्षकों का नुकसान होने की संभावना नहीं
रीडर से प्रोफेसर के पदों के लिए डीपीसी के लिए शासन को लिखा गया है। हालांकि संविदा शिक्षकों की नियुक्ति में लेक्चरर और रीडर की अधिक जरूरत है। इसलिए शिक्षकों का नुकसान होने की संभावना नहीं है।
- डॉ. सुरेश कुमार, निदेशक, आयुर्वेद
शिक्षक बोले- प्रदेश की सेवा नियमावली और सीसीआईएम के मानकों में विरोधाभास
हर विभाग में एक प्रोफेसर या रीडर, एक लेक्चरर जरूरी
सीसीआईम के मानकों के अनुसार राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक विषय में एक प्रोफेसर या रीडर, एक लेक्चरर जरूरी है। इसके अलावा काय चिकित्सा विभाग (मेडिसिन) में प्रोफेसर होना चाहिए। लेकिन हालत ये है कि प्रदेश में सिर्फ झांसी और हंडिया इलाहाबाद में ही काय चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर हैं। इनमें से भी हंडिया वाले प्रोफेसर जून 2016 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसी तरह कॉलेजों में एक से 60 बेड के लिए 32 शिक्षक होने चाहिए। इसी लिए अतर्रा बांदा, पीलीभीत, झांसी, हंडिया इलाहाबाद, मुजफ्फरनगर के राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों की मान्यता निरस्त की गई है। आयुर्वेद विभाग के अनुसार 14 विभागों में कम से कम एक प्रोफेसर या रीडर व एक लेक्चरर होना जरूरी है। ऐसे में 14 विभागों के लिए कुल 28 शिक्षक, एक संस्कृत शिक्षक और एक काय चिकित्सा का शिक्षक होना जरूरी है।
ये है शिक्षकों की स्थिति
पदस्वीकृतभरेखाली
प्रोफेसर107 2186
रीडर1267355
प्रवक्ता277178 99
इलाहाबाद विवि में ऑनलाइन एग्जाम से दाखिला
इलाहाबाद (ब्यूरो)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला के लिए अब ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा देनी होगी। कुलपति के निर्देश पर प्रवेश प्रकोष्ठ की ओर से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रवेश समिति की अनुमति के बाद आवेदन के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की इस कवायद के बाद यह भी स्पष्ट हो गया है कि अन्य पाठ्यक्रमों की तरह परास्नातक (पीजीएटी) और शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) के लिए भी वस्तुनिष्ठ आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।
विश्वविद्यालय प्रशासन दाखिला के मामले में क्रमश: ऑनलाइन प्रक्रिया की तरफ बढ़ रहा है। पिछले साल सिर्फ स्नातक प्रवेश परीक्षा (यूजीएटी) के लिए ऑनलाइन के साथ डाक या प्रवेश प्रकोष्ठ पर फार्म जमा करने की छूट दी गई थी। अन्य पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे, लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर इस बार विश्वविद्यालय के सभी कोर्सेज के लिए सिर्फ ऑनलाइन आवेदन लिए जाने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। प्रवेश पत्र डाउनलोड करने समेत अन्य प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी। इसी को आगे बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। एक सप्ताह के भीतर प्रवेश समिति की बैठक बुलाकर इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। समिति की संस्तुति के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर जगदम्बा सिंह ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू डिजिटल इंडिया की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा का निर्णय लिया है। इसके लिए तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके बाद दाखिले की प्रक्रिया निर्धारित समय के भीतर पूरी कर ली जाएगी और सत्र लेट नहीं होगा।
हर प्रदेश में होगा विवि की परीक्षाओं का केंद्र
विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षाओं के लिए इस बार हर प्रदेश में केंद्र बनाने की योजना बनाई गई है। यदि संबंधित प्रदेश में न्यूनतम 20 अभ्यर्थी होते हैं तो वहां एक केंद्र बनाया जाएगा। इससे कम पंजीकरण पर नजदीकी केंद्र पर उन्हें भेजा जाएगा। प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर जगदम्बा सिंह ने बताया कि आवेदकों से परीक्षा केंद्र के लिए 10 विकल्प भी मांगे जाएंगे।
सीबीएसई स्कूल अब 10 तक करा सकेंगे एएसएल
नई दिल्ली (ब्यूरो)। देश भर में सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अब एएसएल (असेसमेंट ऑफ स्पीकिंग एंड लिसनिंग) को अगले माह तक आयोजित करा सकते हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इसे आयोजित कराने की तिथि को दस फरवरी तक बढ़ा दिया है। बोर्ड ने अभी तक इसके लिए 30 जनवरी तक का समय निश्चित किया था।
सीबीएसई ने नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं के छात्रों का शुनने व बोलने का कौशल परखने के लिए असेसमेंट ऑफ स्पीकिंग एंड लिसनिंग शुरू किया है। दिसंबर में सीबीएसई ने स्कूलों को समेटिव मूल्यांकन (एसए-2) के तहत 15 दिसंबर से 30 जनवरी तक इसे आयोजित कराने के निर्देश दिए थे। कुछ स्कूलों में अब तक टेस्टन हो सकने के चलते सीबीएसई ने इसकी तिथि को बढ़ाकर दस फरवरी तक कर दिया है। ताकि स्कूलों को पर्याप्त समय मिल सके। टेस्ट आयोजित कराने के बाद स्कूलों को 11 से 22 फरवरी तक इसके अंकों को ऑनलाइन ही अपलोड करना होगा। स्कूलों को एएसएल के लिए लाइव टेस्ट मैटीरियल का प्रयोग करना है।
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प्रदेश के चार कालेज ‘ए’ ग्रेड से वंचित
इलाहाबाद (ब्यूरो)। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के मानक पर प्रदेश के चार कालेज पीछे रह गए। सभी कालेज नैक की ‘ए’ ग्रेडिंग से वंचित रह गए हैं। नैक ने पिछले महीने निरीक्षण वाले कालेजों का रिजल्ट घोषित कर दिया है। इनमें दो कालेज गाजियाबाद तथा दो इलाहाबाद के हैं। चारों कालेजों को ‘बी’ ग्रेड मिला है। इलाहाबाद के दोनों कालेज सीएमपी और आर्य कन्या हैं। हालांकि सीएमपी डिग्री कालेज को 2.75 अंक मिले हैं। इस तरह से वह मात्र 0.25 अंक से ‘ए’ ग्रेड पाने से वंचित रह गया।
आरक्षण के समर्थन में महासम्मेलन आज
इलाहाबाद (ब्यूरो)। सामाजिक न्याय मोर्चा की ओर से आरक्षण के समर्थन में महासम्मेलन विज्ञान परिषद में रविवार को आयोजित होगा। लोक सेवा आयोग की भर्तियों में आरक्षण की त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करने, जाति जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने समेत पांच बिंदुओं पर चर्चा होगी। चंद्रशेखर आजाद पार्क में शनिवार को मोर्चा की हुई बैठक में सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता मनोज यादव ने की।
क्रेट का साक्षात्कार 28 को
इलाहाबाद (ब्यूरो)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जगदम्बा सिंह के अनुसार क्रेट-2015 रसायन विज्ञान और कृषि रसायन विज्ञान के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 28 जनवरी को दिन में 11 बजे से होगा।
लेखपाल के लिए साक्षात्कार 15 से
इलाहाबाद (ब्यूरो)। लेखपाल भर्ती परीक्षा-2015 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 15, 16 एवं 17 फरवरी को कलक्ट्रेट स्थित संगम सभागार और विकास भवन के सरस सभागार में होगा। मुख्य राजस्व अधिकारी बीएल सरोज ने बताया कि अभ्यर्थी साक्षात्कार का कार्यक्रम जनपद की वेबसाइट ‘http://allahabad.nic.in’ पर देखकर नियत तिथ एवं स्थान पर उपस्थित हों।
दो फरवरी को होगी परीक्षा
प्रा. एवं जूनि. स्तर परीक्षा में प्रश्न इंटर स्तर के होंगे
एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से भी होंगे प्रश्न
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2015 की प्रदेश भर में दो फरवरी को परीक्षा होगी। इस बार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक की परीक्षा में भाषा का अलग से प्रश्नपत्र न होने से युवाओं में तरह-तरह की चर्चाएं हैं कि एक ही प्रश्नपत्र में भाषा के सवाल होंगे या नहीं। यदि होंगे तो कितने सवाल पूछे जाएंगे। इस परीक्षा में शामिल होने की अर्हता भले ही स्नातक है, लेकिन टीईटी में सवाल इंटरमीडिएट स्तर के पूछे जाने हैं। परीक्षा में माइनस मार्किंग (ऋणात्मक अंक) नहीं होगी।
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा की लगभग सारी तैयारियां हो चुकी हैं। सूबे के 1128 केंद्रों पर नौ लाख 42 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इस समय ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जाने का सिलसिला तेज है। परीक्षा इस बार भी 150 अंकों की होगी, जिन्हें 150 मिनट में करना होगा। यानी एक सवाल पर एक मिनट मिलेगा। सभी प्रश्न चार विकल्प वाले यानी बहुविकल्पीय होंगे। टीईटी परीक्षा प्राथमिक एवं जूनियर स्तर के लिए अलग-अलग हो रही है। दोनों परीक्षाओं में पांच खंड होंगे। जूनियर स्तर की परीक्षा में यह बदलाव किया गया है कि गणित व विज्ञान शिक्षक के लिए संबंधित विषय की परीक्षा देनी होगी, बाकी अभ्यर्थियों को सिर्फ सामाजिक अध्ययन के 60 सवालों का जवाब देना होगा। अमूमन अभ्यर्थी शिक्षण विधि, भाषा के सवाल आसानी से कर लेते हैं, लेकिन गणित व पर्यावरण अध्ययन के सवाल जरूर परेशान करते हैं। इन्हीं दोनों विषयों के सवाल ही टीईटी की मेरिट भी तय करेंगे।
खास बात यह है कि प्राथमिक एवं जूनियर स्तर की परीक्षा में सभी सवाल इंटर स्तर के होंगे, लेकिन उसमें भी अंतर उम्र का रखा गया है। निर्देशिका में कहा गया है कि प्राथमिक की परीक्षा में 6 से 11 वर्ष एवं जूनियर की परीक्षा में 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को ध्यान में रखकर समस्या समाधान एवं शिक्षण विधियों के प्रश्न होंगे। पिछली परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थियों को कुछ शिक्षण विधि एवं विज्ञान व गणित के सवालों ने ही उलझाया था। एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से अभ्यर्थियों को तैयारी करनी होगी। यह भी निर्देश है कि सामान्य वर्ग के उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र जारी होगा, जिन्होंने 60 फीसद या अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 फीसद अंक पाना होगा, तभी वह उत्तीर्ण माने जाएंगे।
परीक्षा :
पिछली बार दो दिन हुई थी परीक्षा
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा इस बार एक दिन में (दो फरवरी को) ही पूरी हो जाएगी, जबकि पिछली बार यह परीक्षा दो दिन चली थी। इसकी वजह भाषा का प्रश्नपत्र अलग होना था। पहले दिन प्राथमिक स्तर एवं दूसरे दिन उच्च प्राथमिक स्तर के अभ्यर्थियों ने दोनों पालियों में परीक्षा दी थी। इस बार दोनों स्तरों पर एक-एक प्रश्नपत्र ही होगा।
दो फरवरी को जारी होगी सीबीएसई नेट आंसर-की
नौ फरवरी तक दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
जासं, इलाहाबाद : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से 27 दिसंबर को कराए गए नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट (नेट) की आंसर-की दो फरवरी को जारी होगी। इस बाबत बोर्ड ने सूचना जारी कर दी है। बोर्ड की ओर से जारी की गई सूचना के अनुसार नेट परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी दो से नौ फरवरी के मध्य अपनी ओएमआर शीट की स्कैन कॉपी भी देख सकेंगे। इस दौरान परीक्षार्थी आपत्ति भी दर्ज करा सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें प्रति प्रश्न एक हजार रुपये का भुगतान करना पड़ेगा जो पूरी तरह आनलाइन रहेगी। अगर परीक्षार्थी की आपत्ति पर कुछ संशोधन होता है तो उसे फीस वापस कर दी जाएगी, लेकिन अगर कोई संशोधन नहीं होता है तो फीस वापस नहीं होगी।
15 फरवरी तक जारी हो सकते हैं परिणाम
ओएमआर शीट की स्कैन कॉपी और आंसर की जारी होने के बाद नौ फरवरी तक छात्र आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। संभावना जताई जा रही है कि 15 फरवरी तक नेट दिसंबर-2015 के परिणाम भी जारी हो जाएंगे।
नौ फरवरी तक दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
सीधी भर्ती के लिए ऑफलाइन आवेदन
उप्र लोकसेवा आयोग ने भर्तियां जल्द पूरी करने के लिए उठाया कदम
ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी भेजना होगा रिकॉर्ड
धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद
ऑनलाइन के युग में ऑफलाइन आवेदन। यह उल्टी चाल उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग चल रहा है। यह निर्णय भी इसलिए लिया गया है कि युवाओं को नौकरियां देने में देर न हो। दरअसल आयोग ऑफलाइन आवेदन केवल सीधी भर्ती वाली परीक्षाओं के लिए लेगा। यही नहीं अभ्यर्थी को ऑनलाइन आवेदन भी करना होगा, लेकिन सारे रिकॉर्ड ऑफलाइन भेजने होंगे। आयोग ने यह सिर्फ नियम ही नहीं बनाया है, बल्कि उस पर अमल भी शुरू कर दिया है।
आयोग तय फार्मेट पर अपने वार्षिक कैलेंडर के अनुसार भर्तियां करता है। यहां पीसीएस व लोअर जैसी परीक्षाओं के साथ ही तमाम सीधी भर्तियां भी साल भर चलती रहती हैं। लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, विद्युत वितरण, राजकीय कालेजों के प्रवक्ता, आश्रम पद्धति स्कूल समेत बड़ी संख्या में ऐसे विभाग हैं जिनमें सीधी भर्ती के तहत नियुक्तियां होती हैं। इनमें से अधिकांश भर्तियां केवल साक्षात्कार के माध्यम से ही होती हैं। साथ ही जिन भर्तियों में आवेदकों की संख्या अधिक होती है उनमें पहले स्क्रीनिंग परीक्षा कराने के बाद ही साक्षात्कार कराया जाता है। मसलन, राजकीय कालेजों के प्रवक्ता एवं आश्रम पद्धति स्कूल के शिक्षकों के चयन में स्क्रीनिंग परीक्षा होती है। पहले तो सभी परीक्षाओं के लिए ऑफलाइन ही आवेदन लिए जाते रहे हैं, लेकिन इधर तीन साल से आयोग लगभग हर भर्ती में ऑनलाइन आवेदन ले रहा है।
इसी बीच आयोग ने यह महसूस किया कि सीधी भर्तियों में अमूमन साक्षात्कार के बाद नियुक्ति दी जाती है और ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद अभ्यर्थियों से फिर से ऑफलाइन अभिलेख मांगे जाते हैं इस प्रक्रिया में काफी समय लगता है। साथ ही भर्ती भी तय समय पर पूरी नहीं हो पाती है। इसलिए नए साल से आयोग ने सीधी भर्ती के लिए नियमों में बदलाव किया है। अब अभ्यर्थी से ऑनलाइन आवेदन के साथ ही ऑफलाइन आवेदन भी मांगा गया है, ताकि दावेदार के सारे रिकॉर्ड आयोग को मिल जाए और तय समय में भर्ती की प्रक्रिया पूरी की जा सके। आयोग पीसीएस एवं अन्य परीक्षाओं में भी ऑफलाइन रिकॉर्ड अभ्यर्थियों से मांगता है, लेकिन वह प्रक्रिया प्रारंभिक परीक्षा के बाद शुरू होती है और मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार आदि होने तक सारा रिकॉर्ड आसानी से मिल जाता है। उन परीक्षाओं में भरपूर समय रहता है, लेकिन सीधी भर्ती की प्रक्रिया में इतना वक्त नहीं होता।
आयोग के सचिव सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि ऑफलाइन आवेदन मांगने से आयोग के स्टॉफ को जूझना पड़ रहा है, लेकिन समय पर भर्ती पूरी कराने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस पर अमल भी शुरू हो गया है।
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प्रा. एवं जूनि. स्तर परीक्षा में प्रश्न इंटर स्तर के होंगे
एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से भी होंगे प्रश्न
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2015 की प्रदेश भर में दो फरवरी को परीक्षा होगी। इस बार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक की परीक्षा में भाषा का अलग से प्रश्नपत्र न होने से युवाओं में तरह-तरह की चर्चाएं हैं कि एक ही प्रश्नपत्र में भाषा के सवाल होंगे या नहीं। यदि होंगे तो कितने सवाल पूछे जाएंगे। इस परीक्षा में शामिल होने की अर्हता भले ही स्नातक है, लेकिन टीईटी में सवाल इंटरमीडिएट स्तर के पूछे जाने हैं। परीक्षा में माइनस मार्किंग (ऋणात्मक अंक) नहीं होगी।
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा की लगभग सारी तैयारियां हो चुकी हैं। सूबे के 1128 केंद्रों पर नौ लाख 42 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इस समय ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जाने का सिलसिला तेज है। परीक्षा इस बार भी 150 अंकों की होगी, जिन्हें 150 मिनट में करना होगा। यानी एक सवाल पर एक मिनट मिलेगा। सभी प्रश्न चार विकल्प वाले यानी बहुविकल्पीय होंगे। टीईटी परीक्षा प्राथमिक एवं जूनियर स्तर के लिए अलग-अलग हो रही है। दोनों परीक्षाओं में पांच खंड होंगे। जूनियर स्तर की परीक्षा में यह बदलाव किया गया है कि गणित व विज्ञान शिक्षक के लिए संबंधित विषय की परीक्षा देनी होगी, बाकी अभ्यर्थियों को सिर्फ सामाजिक अध्ययन के 60 सवालों का जवाब देना होगा। अमूमन अभ्यर्थी शिक्षण विधि, भाषा के सवाल आसानी से कर लेते हैं, लेकिन गणित व पर्यावरण अध्ययन के सवाल जरूर परेशान करते हैं। इन्हीं दोनों विषयों के सवाल ही टीईटी की मेरिट भी तय करेंगे।
खास बात यह है कि प्राथमिक एवं जूनियर स्तर की परीक्षा में सभी सवाल इंटर स्तर के होंगे, लेकिन उसमें भी अंतर उम्र का रखा गया है। निर्देशिका में कहा गया है कि प्राथमिक की परीक्षा में 6 से 11 वर्ष एवं जूनियर की परीक्षा में 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को ध्यान में रखकर समस्या समाधान एवं शिक्षण विधियों के प्रश्न होंगे। पिछली परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थियों को कुछ शिक्षण विधि एवं विज्ञान व गणित के सवालों ने ही उलझाया था। एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से अभ्यर्थियों को तैयारी करनी होगी। यह भी निर्देश है कि सामान्य वर्ग के उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र जारी होगा, जिन्होंने 60 फीसद या अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 फीसद अंक पाना होगा, तभी वह उत्तीर्ण माने जाएंगे।
परीक्षा :
पिछली बार दो दिन हुई थी परीक्षा
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा इस बार एक दिन में (दो फरवरी को) ही पूरी हो जाएगी, जबकि पिछली बार यह परीक्षा दो दिन चली थी। इसकी वजह भाषा का प्रश्नपत्र अलग होना था। पहले दिन प्राथमिक स्तर एवं दूसरे दिन उच्च प्राथमिक स्तर के अभ्यर्थियों ने दोनों पालियों में परीक्षा दी थी। इस बार दोनों स्तरों पर एक-एक प्रश्नपत्र ही होगा।
29334 सहायक अध्यापकों का मामला
बिना अर्हता टीईटी पास के चयन को चुनौती
अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित-विज्ञान के 29334 सहायक अध्यापकों के चयन में अपात्रों को नियुक्ति देेने का आरोप है। इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। रमेश चंद्र द्वारा दाखिल याचिका में आरोप है कि टीईटी 2011 में ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है जो इसमें शामिल होने की अर्हता नहीं रखते हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है।
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक चार अक्तूबर 2011 को जारी शासनादेश के मुताबिक टीईटी 2011 में वही लोग शामिल हो सकते थे जिनके पास बीटीसी दो वर्षीय पाठ्यक्रम की डिग्री हो या जो दो वर्षीय बीटीसी पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष हों या अंतिम वर्ष की फाइनल परीक्षा दे चुके हैं। मगर इसमें ऐसे लोगों को भी परीक्षा देने की अनुमति दी गई जो परीक्षा के समय बीटीसी प्रथम वर्ष में पढ़ रहे थे। टीईटी 2011 में आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर 2011 थी जबकि इन अभ्यर्थियोें का प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम 30 नवंबर 2011 को घोषित किया गया। ऐसे टीईटी पास कई लोगों को गणित-विज्ञान सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति भी दी गई है। कोर्ट ने इन तथ्यों का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से पूछा है कि किस प्रकार से प्रथम वर्ष में पढ़ रहे अभ्यर्थियोें को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दी गई।
हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग से मांगा जवाब
आयुर्वेद शिक्षकों की प्रोन्नति पर ग्रहण
संविदा पर तैनाती की तैयारी से स्थायी शिक्षकों में रोष
अमित यादव
लखनऊ। प्रोन्नति के इंतजार में बैठे राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के स्थायी शिक्षकों में सरकार के संविदा पर नियुक्ति के फैसले से रोष है। स्थायी शिक्षकों का कहना है कि पहले प्रोन्नति होनी चाहिए फिर जो पद बचते हैं उन पर संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। इससे कॉलेजों में प्रोफेसर और रीडर की कमी का संकट अपने आप दूर हो जाएगा।
प्रदेश में आठ राजकीय आयुर्वेद कॉलेज हैं। इनमें से बांदा, झांसी, पीलीभीत, मुजफ्फरनगर, इलाहाबाद और बरेली के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद (सीसीआईएम) ने शिक्षकों की कमी के चलते प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। सिर्फ लखनऊ और वाराणसी को ही सत्र 2015-16 में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। अब जिन मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है उसे दूर करने के लिए सरकार ने संविदा शिक्षकों की नियुक्ति का फैसला किया है। यही फैसला स्थायी शिक्षकों के लिए परेशानी बन गया है। सीसीआईएम के अनुसार रीडर से प्रोफेसर के लिए 5 साल का अंतराल और 10 साल का शैक्षिक अनुभव चाहिए। वहीं प्रदेश की सेवा नियमावली के अनुसार रीडर बनने के छह साल बाद ही प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति हो सकती है। शैक्षिक अनुभव 10 साल का ही होना चाहिए। शिक्षकों का कहना है कि कॉलेजों में इस समय सभी रीडर कम से कम से 20 से 23 साल का अनुभव रखते हैं लेकिन किसी को प्रोन्नति नहीं मिली है।
प्रोन्नति हो जाए तो मानक अपने आप पूरा हो जाएगा
राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों की प्रोन्नति पहले होनी चाहिए। करीब सभी शिक्षक रीडर से प्रोफेसर पद के लिए प्रोन्नति के मानक पूरा कर रहे हैं। एक ही कॉलेज में वो 22-23 साल से हैं। यदि प्रोन्नति हो जाए तो हायर फैकल्टी का मानक अपने आप पूरा हो जाएगा। इसके बाद की नियुक्ति संविदा पर की जा सकती है
- प्रो. पीसी चौधरी, अध्यक्ष राजकीय आयुर्वेद शिक्षक संघ
शिक्षकों का नुकसान होने की संभावना नहीं
रीडर से प्रोफेसर के पदों के लिए डीपीसी के लिए शासन को लिखा गया है। हालांकि संविदा शिक्षकों की नियुक्ति में लेक्चरर और रीडर की अधिक जरूरत है। इसलिए शिक्षकों का नुकसान होने की संभावना नहीं है।
- डॉ. सुरेश कुमार, निदेशक, आयुर्वेद
शिक्षक बोले- प्रदेश की सेवा नियमावली और सीसीआईएम के मानकों में विरोधाभास
हर विभाग में एक प्रोफेसर या रीडर, एक लेक्चरर जरूरी
सीसीआईम के मानकों के अनुसार राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक विषय में एक प्रोफेसर या रीडर, एक लेक्चरर जरूरी है। इसके अलावा काय चिकित्सा विभाग (मेडिसिन) में प्रोफेसर होना चाहिए। लेकिन हालत ये है कि प्रदेश में सिर्फ झांसी और हंडिया इलाहाबाद में ही काय चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर हैं। इनमें से भी हंडिया वाले प्रोफेसर जून 2016 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसी तरह कॉलेजों में एक से 60 बेड के लिए 32 शिक्षक होने चाहिए। इसी लिए अतर्रा बांदा, पीलीभीत, झांसी, हंडिया इलाहाबाद, मुजफ्फरनगर के राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों की मान्यता निरस्त की गई है। आयुर्वेद विभाग के अनुसार 14 विभागों में कम से कम एक प्रोफेसर या रीडर व एक लेक्चरर होना जरूरी है। ऐसे में 14 विभागों के लिए कुल 28 शिक्षक, एक संस्कृत शिक्षक और एक काय चिकित्सा का शिक्षक होना जरूरी है।
ये है शिक्षकों की स्थिति
पदस्वीकृतभरेखाली
प्रोफेसर107 2186
रीडर1267355
प्रवक्ता277178 99
इलाहाबाद विवि में ऑनलाइन एग्जाम से दाखिला
इलाहाबाद (ब्यूरो)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दाखिला के लिए अब ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा देनी होगी। कुलपति के निर्देश पर प्रवेश प्रकोष्ठ की ओर से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रवेश समिति की अनुमति के बाद आवेदन के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की इस कवायद के बाद यह भी स्पष्ट हो गया है कि अन्य पाठ्यक्रमों की तरह परास्नातक (पीजीएटी) और शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) के लिए भी वस्तुनिष्ठ आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।
विश्वविद्यालय प्रशासन दाखिला के मामले में क्रमश: ऑनलाइन प्रक्रिया की तरफ बढ़ रहा है। पिछले साल सिर्फ स्नातक प्रवेश परीक्षा (यूजीएटी) के लिए ऑनलाइन के साथ डाक या प्रवेश प्रकोष्ठ पर फार्म जमा करने की छूट दी गई थी। अन्य पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे, लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर इस बार विश्वविद्यालय के सभी कोर्सेज के लिए सिर्फ ऑनलाइन आवेदन लिए जाने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। प्रवेश पत्र डाउनलोड करने समेत अन्य प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी। इसी को आगे बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। एक सप्ताह के भीतर प्रवेश समिति की बैठक बुलाकर इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। समिति की संस्तुति के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर जगदम्बा सिंह ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू डिजिटल इंडिया की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा का निर्णय लिया है। इसके लिए तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके बाद दाखिले की प्रक्रिया निर्धारित समय के भीतर पूरी कर ली जाएगी और सत्र लेट नहीं होगा।
हर प्रदेश में होगा विवि की परीक्षाओं का केंद्र
विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षाओं के लिए इस बार हर प्रदेश में केंद्र बनाने की योजना बनाई गई है। यदि संबंधित प्रदेश में न्यूनतम 20 अभ्यर्थी होते हैं तो वहां एक केंद्र बनाया जाएगा। इससे कम पंजीकरण पर नजदीकी केंद्र पर उन्हें भेजा जाएगा। प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर जगदम्बा सिंह ने बताया कि आवेदकों से परीक्षा केंद्र के लिए 10 विकल्प भी मांगे जाएंगे।
सीबीएसई स्कूल अब 10 तक करा सकेंगे एएसएल
नई दिल्ली (ब्यूरो)। देश भर में सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अब एएसएल (असेसमेंट ऑफ स्पीकिंग एंड लिसनिंग) को अगले माह तक आयोजित करा सकते हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने इसे आयोजित कराने की तिथि को दस फरवरी तक बढ़ा दिया है। बोर्ड ने अभी तक इसके लिए 30 जनवरी तक का समय निश्चित किया था।
सीबीएसई ने नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं के छात्रों का शुनने व बोलने का कौशल परखने के लिए असेसमेंट ऑफ स्पीकिंग एंड लिसनिंग शुरू किया है। दिसंबर में सीबीएसई ने स्कूलों को समेटिव मूल्यांकन (एसए-2) के तहत 15 दिसंबर से 30 जनवरी तक इसे आयोजित कराने के निर्देश दिए थे। कुछ स्कूलों में अब तक टेस्टन हो सकने के चलते सीबीएसई ने इसकी तिथि को बढ़ाकर दस फरवरी तक कर दिया है। ताकि स्कूलों को पर्याप्त समय मिल सके। टेस्ट आयोजित कराने के बाद स्कूलों को 11 से 22 फरवरी तक इसके अंकों को ऑनलाइन ही अपलोड करना होगा। स्कूलों को एएसएल के लिए लाइव टेस्ट मैटीरियल का प्रयोग करना है।
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प्रदेश के चार कालेज ‘ए’ ग्रेड से वंचित
इलाहाबाद (ब्यूरो)। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के मानक पर प्रदेश के चार कालेज पीछे रह गए। सभी कालेज नैक की ‘ए’ ग्रेडिंग से वंचित रह गए हैं। नैक ने पिछले महीने निरीक्षण वाले कालेजों का रिजल्ट घोषित कर दिया है। इनमें दो कालेज गाजियाबाद तथा दो इलाहाबाद के हैं। चारों कालेजों को ‘बी’ ग्रेड मिला है। इलाहाबाद के दोनों कालेज सीएमपी और आर्य कन्या हैं। हालांकि सीएमपी डिग्री कालेज को 2.75 अंक मिले हैं। इस तरह से वह मात्र 0.25 अंक से ‘ए’ ग्रेड पाने से वंचित रह गया।
आरक्षण के समर्थन में महासम्मेलन आज
इलाहाबाद (ब्यूरो)। सामाजिक न्याय मोर्चा की ओर से आरक्षण के समर्थन में महासम्मेलन विज्ञान परिषद में रविवार को आयोजित होगा। लोक सेवा आयोग की भर्तियों में आरक्षण की त्रिस्तरीय आरक्षण लागू करने, जाति जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने समेत पांच बिंदुओं पर चर्चा होगी। चंद्रशेखर आजाद पार्क में शनिवार को मोर्चा की हुई बैठक में सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता मनोज यादव ने की।
क्रेट का साक्षात्कार 28 को
इलाहाबाद (ब्यूरो)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जगदम्बा सिंह के अनुसार क्रेट-2015 रसायन विज्ञान और कृषि रसायन विज्ञान के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 28 जनवरी को दिन में 11 बजे से होगा।
लेखपाल के लिए साक्षात्कार 15 से
इलाहाबाद (ब्यूरो)। लेखपाल भर्ती परीक्षा-2015 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 15, 16 एवं 17 फरवरी को कलक्ट्रेट स्थित संगम सभागार और विकास भवन के सरस सभागार में होगा। मुख्य राजस्व अधिकारी बीएल सरोज ने बताया कि अभ्यर्थी साक्षात्कार का कार्यक्रम जनपद की वेबसाइट ‘http://allahabad.nic.in’ पर देखकर नियत तिथ एवं स्थान पर उपस्थित हों।
दो फरवरी को होगी परीक्षा
प्रा. एवं जूनि. स्तर परीक्षा में प्रश्न इंटर स्तर के होंगे
एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से भी होंगे प्रश्न
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2015 की प्रदेश भर में दो फरवरी को परीक्षा होगी। इस बार प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक की परीक्षा में भाषा का अलग से प्रश्नपत्र न होने से युवाओं में तरह-तरह की चर्चाएं हैं कि एक ही प्रश्नपत्र में भाषा के सवाल होंगे या नहीं। यदि होंगे तो कितने सवाल पूछे जाएंगे। इस परीक्षा में शामिल होने की अर्हता भले ही स्नातक है, लेकिन टीईटी में सवाल इंटरमीडिएट स्तर के पूछे जाने हैं। परीक्षा में माइनस मार्किंग (ऋणात्मक अंक) नहीं होगी।
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा की लगभग सारी तैयारियां हो चुकी हैं। सूबे के 1128 केंद्रों पर नौ लाख 42 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इस समय ऑनलाइन एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जाने का सिलसिला तेज है। परीक्षा इस बार भी 150 अंकों की होगी, जिन्हें 150 मिनट में करना होगा। यानी एक सवाल पर एक मिनट मिलेगा। सभी प्रश्न चार विकल्प वाले यानी बहुविकल्पीय होंगे। टीईटी परीक्षा प्राथमिक एवं जूनियर स्तर के लिए अलग-अलग हो रही है। दोनों परीक्षाओं में पांच खंड होंगे। जूनियर स्तर की परीक्षा में यह बदलाव किया गया है कि गणित व विज्ञान शिक्षक के लिए संबंधित विषय की परीक्षा देनी होगी, बाकी अभ्यर्थियों को सिर्फ सामाजिक अध्ययन के 60 सवालों का जवाब देना होगा। अमूमन अभ्यर्थी शिक्षण विधि, भाषा के सवाल आसानी से कर लेते हैं, लेकिन गणित व पर्यावरण अध्ययन के सवाल जरूर परेशान करते हैं। इन्हीं दोनों विषयों के सवाल ही टीईटी की मेरिट भी तय करेंगे।
खास बात यह है कि प्राथमिक एवं जूनियर स्तर की परीक्षा में सभी सवाल इंटर स्तर के होंगे, लेकिन उसमें भी अंतर उम्र का रखा गया है। निर्देशिका में कहा गया है कि प्राथमिक की परीक्षा में 6 से 11 वर्ष एवं जूनियर की परीक्षा में 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को ध्यान में रखकर समस्या समाधान एवं शिक्षण विधियों के प्रश्न होंगे। पिछली परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थियों को कुछ शिक्षण विधि एवं विज्ञान व गणित के सवालों ने ही उलझाया था। एनसीईआरटी की कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों से अभ्यर्थियों को तैयारी करनी होगी। यह भी निर्देश है कि सामान्य वर्ग के उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र जारी होगा, जिन्होंने 60 फीसद या अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 फीसद अंक पाना होगा, तभी वह उत्तीर्ण माने जाएंगे।
परीक्षा :
पिछली बार दो दिन हुई थी परीक्षा
यूपी टीईटी 2015 की परीक्षा इस बार एक दिन में (दो फरवरी को) ही पूरी हो जाएगी, जबकि पिछली बार यह परीक्षा दो दिन चली थी। इसकी वजह भाषा का प्रश्नपत्र अलग होना था। पहले दिन प्राथमिक स्तर एवं दूसरे दिन उच्च प्राथमिक स्तर के अभ्यर्थियों ने दोनों पालियों में परीक्षा दी थी। इस बार दोनों स्तरों पर एक-एक प्रश्नपत्र ही होगा।
दो फरवरी को जारी होगी सीबीएसई नेट आंसर-की
नौ फरवरी तक दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
जासं, इलाहाबाद : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से 27 दिसंबर को कराए गए नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट (नेट) की आंसर-की दो फरवरी को जारी होगी। इस बाबत बोर्ड ने सूचना जारी कर दी है। बोर्ड की ओर से जारी की गई सूचना के अनुसार नेट परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी दो से नौ फरवरी के मध्य अपनी ओएमआर शीट की स्कैन कॉपी भी देख सकेंगे। इस दौरान परीक्षार्थी आपत्ति भी दर्ज करा सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें प्रति प्रश्न एक हजार रुपये का भुगतान करना पड़ेगा जो पूरी तरह आनलाइन रहेगी। अगर परीक्षार्थी की आपत्ति पर कुछ संशोधन होता है तो उसे फीस वापस कर दी जाएगी, लेकिन अगर कोई संशोधन नहीं होता है तो फीस वापस नहीं होगी।
15 फरवरी तक जारी हो सकते हैं परिणाम
ओएमआर शीट की स्कैन कॉपी और आंसर की जारी होने के बाद नौ फरवरी तक छात्र आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। संभावना जताई जा रही है कि 15 फरवरी तक नेट दिसंबर-2015 के परिणाम भी जारी हो जाएंगे।
नौ फरवरी तक दर्ज करा सकेंगे आपत्ति
सीधी भर्ती के लिए ऑफलाइन आवेदन
उप्र लोकसेवा आयोग ने भर्तियां जल्द पूरी करने के लिए उठाया कदम
ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी भेजना होगा रिकॉर्ड
धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद
ऑनलाइन के युग में ऑफलाइन आवेदन। यह उल्टी चाल उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग चल रहा है। यह निर्णय भी इसलिए लिया गया है कि युवाओं को नौकरियां देने में देर न हो। दरअसल आयोग ऑफलाइन आवेदन केवल सीधी भर्ती वाली परीक्षाओं के लिए लेगा। यही नहीं अभ्यर्थी को ऑनलाइन आवेदन भी करना होगा, लेकिन सारे रिकॉर्ड ऑफलाइन भेजने होंगे। आयोग ने यह सिर्फ नियम ही नहीं बनाया है, बल्कि उस पर अमल भी शुरू कर दिया है।
आयोग तय फार्मेट पर अपने वार्षिक कैलेंडर के अनुसार भर्तियां करता है। यहां पीसीएस व लोअर जैसी परीक्षाओं के साथ ही तमाम सीधी भर्तियां भी साल भर चलती रहती हैं। लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, विद्युत वितरण, राजकीय कालेजों के प्रवक्ता, आश्रम पद्धति स्कूल समेत बड़ी संख्या में ऐसे विभाग हैं जिनमें सीधी भर्ती के तहत नियुक्तियां होती हैं। इनमें से अधिकांश भर्तियां केवल साक्षात्कार के माध्यम से ही होती हैं। साथ ही जिन भर्तियों में आवेदकों की संख्या अधिक होती है उनमें पहले स्क्रीनिंग परीक्षा कराने के बाद ही साक्षात्कार कराया जाता है। मसलन, राजकीय कालेजों के प्रवक्ता एवं आश्रम पद्धति स्कूल के शिक्षकों के चयन में स्क्रीनिंग परीक्षा होती है। पहले तो सभी परीक्षाओं के लिए ऑफलाइन ही आवेदन लिए जाते रहे हैं, लेकिन इधर तीन साल से आयोग लगभग हर भर्ती में ऑनलाइन आवेदन ले रहा है।
इसी बीच आयोग ने यह महसूस किया कि सीधी भर्तियों में अमूमन साक्षात्कार के बाद नियुक्ति दी जाती है और ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद अभ्यर्थियों से फिर से ऑफलाइन अभिलेख मांगे जाते हैं इस प्रक्रिया में काफी समय लगता है। साथ ही भर्ती भी तय समय पर पूरी नहीं हो पाती है। इसलिए नए साल से आयोग ने सीधी भर्ती के लिए नियमों में बदलाव किया है। अब अभ्यर्थी से ऑनलाइन आवेदन के साथ ही ऑफलाइन आवेदन भी मांगा गया है, ताकि दावेदार के सारे रिकॉर्ड आयोग को मिल जाए और तय समय में भर्ती की प्रक्रिया पूरी की जा सके। आयोग पीसीएस एवं अन्य परीक्षाओं में भी ऑफलाइन रिकॉर्ड अभ्यर्थियों से मांगता है, लेकिन वह प्रक्रिया प्रारंभिक परीक्षा के बाद शुरू होती है और मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार आदि होने तक सारा रिकॉर्ड आसानी से मिल जाता है। उन परीक्षाओं में भरपूर समय रहता है, लेकिन सीधी भर्ती की प्रक्रिया में इतना वक्त नहीं होता।
आयोग के सचिव सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि ऑफलाइन आवेदन मांगने से आयोग के स्टॉफ को जूझना पड़ रहा है, लेकिन समय पर भर्ती पूरी कराने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस पर अमल भी शुरू हो गया है।
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