Sunday, 24 January 2016

दलित आईएएस ने इस्‍लाम कबूला, सरकार पर भेदभाव का आरोप

दलित आईएएस ने इस्‍लाम कबूला, सरकार पर भेदभाव का आरोप



राजस्थान पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया नेेे अपने साथ भेदभाव से दुखी होकर धर्म परिवर्तन कर लिया और इस्‍लाम अपना लिया है। अपनी उपेक्षा से दुखी होकर उन्होंने वीआरएस लेने का भी फैसला किया है। 6 महीने बाद रिटायर हो जा रहे सालोदिया ने मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिखकर चीफ सेक्रेटरी नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की


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धर्म परिवर्तन
सदियों से हिन्दू धर्म से टूट टूट कर लोग इस्लाम अपनाते आये हैं -
कारण - जजिया ,दबाब में , परेशान हो कर
वहीँ इस्लाम धर्म प्रचार प्रसार में यकीन रखता है - चार शादीयां , अधिक बच्चे , दूसरे धर्म के लोगो के परिवर्तन से , जबरन (इतिहास बताता है )
लेकिन ये सब तो सही है , लेकिन इसके बाद अगर शरिया इस्लामी नियम पालन करना , 5 बार नमाज अदा करना , वैज्ञानिक दृश्टिकोण अपनाना
आदि अपनाना आसान नहीं होता
वैसे ही हिन्दू धर्म में भी लोगो को तमाम संस्कार - जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी संस्कारों के लिए ब्राह्मण (जैसे शादी विवाह कराने के लिए ब्राह्मण , मृत्यु पर ),
धार्मिक रीति रिवाज , तो समाज के कुछ वर्ग उपेक्षा का शिकार भी महसूस करते हैं

और इसी कारण बौद्ध धर्म और इस्लाम धर्म के सबसे ज्यादा लोग भारत में है , कई लोग सिख धर्म में भी शामिल हुए हैं और ईसाई भी बने ।
पर हिन्दू धर्म में इसको फ़ैलाने का प्रावधान बहुत कम था , और ईसाई , इस्लाम धर्म इसको फैलाने में यकीन रखते थे ।
और इसी कारण ईसाई मिशनरीज़ ने नागालैंड , मिजोरम इत्यादि जगह ईसाई धर्म के आदिवासियों के बीच अपना प्रसार कर दिया
आधा अफ्रीका ईसाई और आधा इस्लाम में परिवर्तित हो गया ।


हिन्दू धर्म में सुधार की सम्भावना तो है और इसी कारण - बाल विवाह , सती प्रथा , बलि प्रथा जैसी कुरीतियां समाप्त हो गयी ,और आगे भी सुधार होता रहेगा

आधुनिक समय में धर्म की महत्ता गौण हो चली है , समय के साथ विकास की और चलें , अपनी और समाज की समस्याओं को हल करने की कोशिश करें ,
धर्म परिवर्तन से आपकी मानसिक हालात  कुछ हद तक ही संतुष्ट होंगे , लेकिन क्या जिस धर्म में जा रहे हैं , उसमे कोई समस्या नहीं है या होगी ।
इंसान और इंसानियत ये है की समस्याओं से न भागें , अपितु डट कर मुकाबला करें जिससे इंसानीयत और समाज का भला हो सके
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सालोदिया ने कहा कि दलित होने के कारण उन्‍हें प्रताड़ित किया गया इसलिए उन्‍होंने इस्लाम अपनाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि इस्लाम में ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं है। उन्‍होंने भारतीय संविधान में प्राप्त मूलभूत अधिकारों के तहत धर्म-परिवर्तन किया है
जयपुर में एक संवाददाता सम्‍मेलन में धर्म परिवर्तन की घोषणा करते हुए सालोदिया ने कहा कि अब उनका नाम उमराव सालोदिया नहीं बल्कि उमराव खान होगा। एक दलित अधिकारी होने के कारण उनकी अनदेखी की जा रही है। इस प्रताड़ना से आहत होकर उन्‍होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन भेज दिया है। इस सिलसिले में वह भारत सरकार को भी पत्र भेज रहे हैं।
सालोदिया ने पुलिस के कामकाज पर अफसोस जताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कई गलत शिकायतें करने वाले एक सेवानिवृत जिला अधिकारी के खिलाफ उन्‍होंने जयपुर के एक थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था लेकिन पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, जब मेरे मामले में यह स्थिति है तो आम आदमी, दलित की क्या स्थिति होगी।
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने मौजूदा मुख्य सचिव सीएस राजन को तीन माह का सेवा विस्तार दिलाया है। सालोदिया इसी बात से नाराज हैं। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि पहली बार कोई दलित अफसर राजस्थान का मुख्य सचिव बन रहा था, वह वरिष्ठता क्रम में सबसे ऊपर थे लेकिन मौजूदा सीएस को तीन माह का एक्सटेंशन दे दिया गया। राजन को दिए गए एक्सटेंशन के कारण उन्‍हें मुख्य सचिव बनने का मौका नहीं मिला।
1978 बैच के आईएएस अधिकारी उमराव सालोदिया के साथ भेदभाव के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए राजस्‍थान सरकार के वरिष्‍ठ मंत्री राजेंद्र राठौड ने उनके खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं। राठौड़ ने कहा कि भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 नियम सात के तहत पद पर रहते हुए सार्वजनिक तौर पर या संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से सरकार की नीति और रीति की आलोचना नहीं कर सकते हैं। सेवानिवृति से छह माह पहले इस तरह के मिथ्या आरोप लगाना उन्हें शोभा नहीं देता

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सालोदिया ने ये बताई इसकी वजह...
- गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सालोदिया ने कहा, "मेरे साथ हिंदू धर्म में भेदभाव हुआ है। मुझे चीफ सेक्रेटरी नहीं बनाया गया।"
- "दलित होने की वजह से मेरे साथ अत्याचार किए गए। इस्लाम में ऐसा नहीं होता है।"
सालोदिया ने धर्म बदलने को लेकर चिट्ठी में क्या लिखा है...
- "भारत के संविधान में आर्टिकल 25 (1) में नागरिकों को यह आजादी दी गई है कि वे किसी भी धर्म में अपनी आस्था जाहिर कर सकते है।"
- "मैं इसी हक के तहत आज 31 दिसंबर, 2015 को हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपना रहा हूं।"
CM वसुंधरा राजे को लिखी चिट्ठी में सालोदिया ने क्या कहा?
- "मैं एससी/एसटी कोटा से आईएएस हूं, जिसे सीनियरिटी की बुनियाद पर चीफ सेक्रेटरी बनाया जाना चाहिए था।"
- "लेकिन मौजूदा चीफ सेक्रेटरी सी.एस. राजन को 31 मार्च, 2016 तक 3 महीने का एक्सटेंशन दिया गया है।" 
- "राजन को दिए गए एक्सटेंशन के कारण मुझे सीएस बनने का मौका नहीं मिला।"
- "अगर एक्सटेंशन नहीं दिया जाता तो सीनियरिटी के हिसाब से मुझे ही सीएस बनाया जाता।"
- "यह सब राज्य सरकार के कहने पर हुआ है। इन सब बातों के चलते मैं वीआरएस के लिए सरकार से गुजारिश करता हूं।"
आरोपों पर सरकार का क्या है रिएक्शन?
- राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा, "चीफ सेक्रेटरी राजन को तीन महीने का एक्सटेंशन रूल्स के तहत दिया गया है।"
- "राजन सीनियर आईएएस हैं। कई पोस्ट पर रहते हुए उन्होंने अपनी काबिलियत दिखाई है।"
- "सालोदिया की सर्विस केवल 6 महीने बाकी थी। अगर वे 31 मार्च तक इंतजार करते तो शायद उनके लिए रास्ते खुले होते।"
- "इतने सीनियर होते हुए भी सालोदिया ने इस तरह के आरोप लगाए हैं, यह बेहद शर्मनाक है।"
- "धर्म बदलना उनका निजी मामला हो सकता है, लेकिन मैं ऐसे आरोपों की निंदा करता हूं।"
'सालोदिया को यह शोभा नहीं देता'
- राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा, "यह तरीका गलत था। किसी भी धर्म को कोई भी माने, उसकी मनाही नहीं है।"
- कटारिया के मुताबिक, सालोदिया जैसे पढ़े-लिखे आदमी को यह शोभा नहीं देता है। ड‌्यूटी में 6 महीने ही बचे हैं, ऐसे में यह फैसला ठीक नहीं है।

कौन हैं उमराव सालोदिया?
- 1978 बैच के आईएएस सालोदिया जयपुर के ही रहने वाले हैं। 
- वे राजस्थान रोडवेज के चेयरमैन हैं। 
- इससे पहले वे जवाहर कला केंद्र के डायरेक्टर के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट और रेवेन्यू डिपार्टमेंट में भी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रहे हैं।
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